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देहरादून : मेयर गामा और कांग्रेस नेता थापर आमने-सामने, कागज-फाइल सब मौजूद, फिर भी क्यों नहीं किये जांच के आदेश..?

नगर निगम देहरादून अंतिम बोर्ड बैठक- 30 नवंबर 2023 को विगत दस वर्षो से "होर्डिंग टेंडर के संभावित Cartel द्वारा 300 करोड़ रुपए के खेल " की तत्काल जांच हो– अभिनव थापर

देहरादून : कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने कांग्रेस मुख्यालय से 26.11.2023 को प्रेस वार्ता कर संभावित कार्टेल सिस्टम को 300 करोड़ का फायदा व टेंडर में हुई अनियमिताओ से नगर निगम देहरादून को करोड़ों रुपयों की हानि के मामले का पर्दाफाश किया। टेंडर की शर्तो में न सिर्फ “पार्टी के चयन ” का खेल हुआ मगर माननीय हाईकोर्ट के ऑर्डर को तोड़ मरोड़ कर “एक्सटेंशन” के नाम पर करोड़ों रुपए के कार्य का अपने चहेतों को बिना टेंडर आवंटन किया गया।

उक्त प्रेस वार्ता के क्रम में मीडिया के बयानों के माध्यम से मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा – ” मेरे हाथ में टेंडर देना नहीं है और कुछ गड़बड़ी है तो जाँच बिठाएंगे । ” मुख्य नगर आयुक्त ने स्वीकार किया है कि ” वही पुरानी कंपनी ” को 2022 में पुनः कार्य आवंटन हुआ है।

इस पर कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने बताया कि मेयर सुनील उनियाल गामा को 11.08.2023 को होर्डिंग और यूनिपोल घोटाले में संभावित cartel के 300 करोड़ के खेल का तथ्यों सहित पत्र दिया था किन्तु आज 4 महीने बाद भी इस पर नगर निगम ने कोई कार्यवाही नहीं करी है।

अतः मिडिया मेयर और मुख्य नगर आयुक्त के जाँच के बयान के क्रम में अभिनव थापर ने पुनः 28.11.2023 को नगर निगम देहरादून को अनुस्मारक पत्र जारी कर बताया कि सभी दस्तावेज और फ़ाइल 11.08.2023 को मेयर और मुख्य नगर अधिकारी के कार्यालय में स्वयं दे दिये थे, किन्तु अभी तक नगर निगम या मेयर ने 4 महीनों से इस पर कोई कार्यवाही नहीं करी है।

थापर ने पत्र के माध्यम से मेयर और मुख्य नगर अधिकारी को बताया की ” नगर निगम 1959 अधिनियम ” में निहित बोर्ड बैठक के अधिकारों के क्रम में 11 अगस्त 2023 के पत्र पर प्रस्ताव अनुमोदित कराकर 30 नवम्बर 2023 को होने वाली अंतिम बोर्ड बैठक में ” तत्काल निष्पक्ष जाँच हेतु कार्यवाही ” के लिए पुनः आग्रह किया गया।

अभिनव थापर ने कहा कि देहरादून नगर निगम के 300 करोड़ के खेल में मेरी फ़ाइल पर 11.08.2023 से आजतक जाँच से कौन रोक रहा है ?* *मेयर और मुख्य नगर आयुक्त को बोर्ड बैठक में शक्तियां निहित है अतः 30 नंवबर 2023 को ” अंतिम बोर्ड-बैठक ” में तत्काल जाँज करवाने से रुकना नहीं चाहिए।

अभिनव थापर ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि यदि नगर निगम संभावित cartel द्वारा होर्डिंग और unipole टेंडरों में हुए 300 करोड़ के ” खेल ” पर जाँच नहीं करवाता है तो वो आने वाले समय मे माननीय हाईकोर्ट उत्तराखंड, केंद्रीय जाँज एजेंसी जैसे CBI और ED में इस मामले को उठाने का काम करेंगे।

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