Antrashtey

PM मोदी को डराया या मजबूर नहीं किया जा सकता बोले -पुतिन

PM मोदी को डराया या मजबूर नहीं किया जा सकता बोले -पुतिन

मोदी को झुकाया नहीं जा सकता… पुतिन ने यूं ही नहीं अपने दोस्‍त को सराहा, रिश्ते की बुनियाद पुरानी है
मोदी के मुरीद हुए पुतिन, पुतिन ने एक बार फिर की प्रधानमंत्री की तारीफ
PM मोदी को डराया या मजबूर नहीं किया जा सकता बोले -पुतिन

भारत में पिछले कुछ घंटे से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक बयान की काफी चर्चा है. वह मोदी की तारीफ तो पहले भी कर चुके हैं लेकिन इस बार उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के लिए खुलकर बोला है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की. पुतिन ने कहा, “उन्हें (पीएम मोदी) राष्ट्रीय हितों के विपरीत निर्णय लेने के लिए डराया या मजबूर नहीं किया जा सकता. जब राष्ट्रीय हितों की रक्षा की बात आती है तो पीएम मोदी के सख्त रुख की सराहना भी की जाती है. मैं कल्पना नहीं कर सकता कि मोदी को कोई भी कार्य, कदम और निर्णय लेने के लिए डराया, धमकाया या मजबूर किया जा सकता है जो भारत और भारतीय लोगों के राष्ट्रीय हितों के विपरीत हो.”

पुतिन ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को देशहित में फैसला लेने से डराया या धमकाया नहीं जा सकता. एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत और रूस के संबंध चौतरफा बढ़ रहे हैं. आगे पुतिन ने जो कहा उसे सुनकर भाजपा नेता और सपोर्टर खुश हो जाएंगे. जी हां पुतिन ने ‘मोदी की गारंटी’ की बात कर दी. हाल में हुए विधानसभा चुनावों में भी मोदी की गारंटी की काफी चर्चा थी.

पुतिन ने कहा कि दोनों देशों के संबंधों की मुख्य गारंटी प्राइम मिनिस्टर मोदी की नीतियां हैं. मेरा साफ मानना है कि मोदी को जबरन देशहित और भारतीयों के खिलाफ फैसला लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. ऐसा प्रेशर है मैं जानता हूं. कभी-कभी तो मैं भारत के हित में लिए गए उनके फैसले के बारे में जानकर चकित रह जाता हूं. पुतिन ‘मेक इन इंडिया’ पहल की भी प्रशंसा कर चुके हैं. पुतिन कुछ महीने पहले मोदी को बुद्धिमान व्यक्ति बता चुके हैं. ऐसे में यह सवाल पैदा हो सकता है कि मोदी और पुतिन की दोस्ती कब से हैं. एक राष्ट्राध्यक्ष होने के साथ-साथ उनके बीच कैसी केमिस्ट्री है

पुतिन को मोदी पर भरोसा है

यह पुतिन का मोदी पर भरोसा ही है कि अमेरिका और भारत के करीब आने के बाद भी कभी रूसी राष्ट्रपति को ऐसा नहीं लगा कि भारत उससे दूर जा रहा है या उसे किसी तरह की चुनौती मिल सकती है. अमेरिका भले रूस के खिलाफ भारत को उकसाता रहा हो लेकिन रूस ने कभी इस तरह की कोशिश नहीं की. इसकी बजाय दोनों नेता आपसी रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने की कोशिश में लगे रहे. रक्षा संबंधों के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन उससे आगे स्पेस, तेल और परमाणु ऊर्जा जैसे कई क्षेत्रों को आज संबंध बढ़ रहे हैं. इसकी एक वजह मोदी और पुतिन के बीच बना भरोसा ही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button